गूंजती है आज भी फिज़ा में हजारों सिसकियां, घुट घुट कर तड़पती है इस समाज में बेटियां! गूंजती है आज भी फिज़ा में हजारों सिसकियां, घुट घुट कर तड़पती है इस समाज में ...
तुम मुझसे सब कुछ छीन सकते जो नहीं छीन सकते वो मेरे लड़ने का जज़्बा! तुम मुझसे सब कुछ छीन सकते जो नहीं छीन सकते वो मेरे लड़ने का जज़्बा!
कैसे ना भरोसा उठे उसका फ़ितरत-ऐ-इन्सान से, सभी फूल चुरा ले गया हो कोई जिस गुलिस्तान से।................. कैसे ना भरोसा उठे उसका फ़ितरत-ऐ-इन्सान से, सभी फूल चुरा ले गया हो कोई जिस गुलिस्त...
इन दिनों लाक डाउन के समय मैं अपनी हर सुबह एक नए तरीके से जीता हूं इन दिनों लाक डाउन के समय मैं अपनी हर सुबह एक नए तरीके से जीता हूं
कराहती हुई रूह को सहलाते हैं खुदा करेगा इन्साफ ये समझाते हैं कराहती हुई रूह को सहलाते हैं खुदा करेगा इन्साफ ये समझाते हैं
या जीना चाहते हो उन तमाशबीनों के लिये रहम की भीख मांगती जिनकी आँखोें के सामने गिड़गिड़ाती रही फूलमती... या जीना चाहते हो उन तमाशबीनों के लिये रहम की भीख मांगती जिनकी आँखोें के सामने ...